किसी ने सही कहा है कि सत्य वचन कहने के लिए भी कलेजा चाहिए.., अगर कलेजा नहीं फिर तो भइया लग गई आपकी..!!
अब
उदाहरण के तौर पर आमिर खान को ही देख लीजिए..जैसे ही उन्होंने सत्यमेव
जयते में 'स्वास्थ्य और डॉक्टर्स' से संबधित प्रोग्राम पेश किया तो डॉक्टर
तो उनके पीछे ही पड़ गए।
आपको बतातें चलें कि इस शो में आमिर ने यह बताने की कोशिश की थी कि किस तरह डॉक्टर अपने पेशे को बदनाम कर रहे हैं। ऐसे कई उदाहरण पेश किए गए जिनमें स्वास्थ्य सेवाओं में हो रही धांधलियाँ को दिखाया गया। किस तरह आंध्र प्रदेश के एक गाँव में बड़ी संख्या में महिलाओं की बच्चादानी यानी गर्भाशय निकाल दिया गया, जबकि इसकी कोई जरुरत ही नहीं थी। उन महिलाओं से बातचीत करने पर यह पता चला कि ‘उन्हें बताया गया था कि अगर उन्होंने ऑपरेशन नहीं करवाया तो उनकी जान चली जाएगी।
इतना ही नहीं, यह भी बताया गया कि डॉक्टर किस तरह जबरन ऑपरेशन कर देते है..गलत दवाईंया लिख देते हैं और अगर कुछ बीमारी ना भी हो तो सिर्फ कमीशन कमाने के चक्कर में बेवजह ब्लड चेकअप वगैरह लिख देते है। यह सब जानने के बावजूद भी किसी भी डॉक्टर पर ना ही कोई कार्यवाही होता है और ना ही उनका लाइसेंस रद्द किया जाता है। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार भारत में 2008 से अब तक किसी भी डॉक्टर के लाइसेंस स्थाई रुप से रद्द नहीं किए गए हैं। जबकि अन्य देशों में हर साल ऐसे डॉक्टर्स को सजा के फलस्वरूप उनके लाइसेंस स्थाई रूप से रद्द कर दिए जाते है। खैर कोई बात नहीं...शायद हमारे देश के डॉक्टर्स इतने महान है कि उन्हें हटाने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
हालांकि, इस शो आमिर ने कहीं भी यह नहीं कहा कि हमारे देश के सारे डॉक्टर ऐसे है उनका कहना सिर्फ इतना था कि क्या हमारे समाज में भगवान का दर्जा पाने वालो डॉक्टर्स की यह हरकत कर रहे हैं क्या वह सही है? क्या उन्हें यह हक है कि वह किसी की जान बेवजह ही छीन लें?
सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि डॉक्टरों तथा मेडिकल कॉलेजों पर निगरानी रखने वाली संस्था मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया (एमसीआई) के प्रमुख केके तलवार ने शो में साफ-साफ स्वीकार किया कि स्वास्थ्य विभाग में ये सारी गड़बड़ियाँ मौजूद है और जल्द ही इनके लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। अब तो आप अंदाजा लगा सकते है कि जिस गंगा की गंगोत्री ऐसी है उसकी हालत क्या होगी।
अब...आईएमए के डॉक्टर्स ने मेडिकल समुदाय के प्रति 'गलत संदेश' भेजने के लिए आमिर से माफी की मांग की है। सोचने वाली बात तो यह है कि शो देखने के बाद कहां तक डॉक्टर मांफी मांगते और यह संदेश देते कि वह इसके सुधार में कदम उठांएगे ताकि लोग उनपर भरोसा रखें... बजाय इसके ये तो गलती बताने वाले पर ही बरस पडे।
फिर सवाल यह उठने लगा कि आमिर खान ने डॉक्टरों पर गलत काम करने का आरोप क्यों लगाया?...जब कि सभी डॉक्टर गलत नहीं होते!...यह डॉक्टरी पेशे का अपमान है, और इसके लिए आमिर खान को चाहिए कि वह ' माफी' मांगे! लेकिन मुझे लगता है कि आमिर कहीं से भी गलत नहीं है वह सिर्फ एक माध्यम है जो हमें यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि हमारे समाज में, देश में, क्या हो रहा है..उस पर अमल करना या फिर ना करना हमारा काम है।
इस शो की शुरूआत हुई तो बहुत सारी बातें लोगों ने कही..। कुछ लोगों ने जमकर आलोचना की..कि आमिर इसमें नया क्या कर रहे हैं? उन्हें तीन करोड़ लेकर ही समाज की बुराइयों से पर्दा उठाना था..ये काम वह पहले भी कर सकते थे..लेकिन अब क्युं? क्योंकि अब आमिर को इसके लिए इतनी मोटी रकम मिल रही है जो अभी तक ना किसी को मिली है और न ही कभी ऑफर की गई है।
मेरा कहना ये है कि हमारे देश में 'पैर पीछे खींचने' की आदत बहुत पुरानी है तो इनसब बातों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं है। हमसब को उनका साथ देना चाहिए जिससे कि हमारे समाज से कुछ ही सही बुराईयां खत्म तो हों..!!
आपको बतातें चलें कि इस शो में आमिर ने यह बताने की कोशिश की थी कि किस तरह डॉक्टर अपने पेशे को बदनाम कर रहे हैं। ऐसे कई उदाहरण पेश किए गए जिनमें स्वास्थ्य सेवाओं में हो रही धांधलियाँ को दिखाया गया। किस तरह आंध्र प्रदेश के एक गाँव में बड़ी संख्या में महिलाओं की बच्चादानी यानी गर्भाशय निकाल दिया गया, जबकि इसकी कोई जरुरत ही नहीं थी। उन महिलाओं से बातचीत करने पर यह पता चला कि ‘उन्हें बताया गया था कि अगर उन्होंने ऑपरेशन नहीं करवाया तो उनकी जान चली जाएगी।
इतना ही नहीं, यह भी बताया गया कि डॉक्टर किस तरह जबरन ऑपरेशन कर देते है..गलत दवाईंया लिख देते हैं और अगर कुछ बीमारी ना भी हो तो सिर्फ कमीशन कमाने के चक्कर में बेवजह ब्लड चेकअप वगैरह लिख देते है। यह सब जानने के बावजूद भी किसी भी डॉक्टर पर ना ही कोई कार्यवाही होता है और ना ही उनका लाइसेंस रद्द किया जाता है। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार भारत में 2008 से अब तक किसी भी डॉक्टर के लाइसेंस स्थाई रुप से रद्द नहीं किए गए हैं। जबकि अन्य देशों में हर साल ऐसे डॉक्टर्स को सजा के फलस्वरूप उनके लाइसेंस स्थाई रूप से रद्द कर दिए जाते है। खैर कोई बात नहीं...शायद हमारे देश के डॉक्टर्स इतने महान है कि उन्हें हटाने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
हालांकि, इस शो आमिर ने कहीं भी यह नहीं कहा कि हमारे देश के सारे डॉक्टर ऐसे है उनका कहना सिर्फ इतना था कि क्या हमारे समाज में भगवान का दर्जा पाने वालो डॉक्टर्स की यह हरकत कर रहे हैं क्या वह सही है? क्या उन्हें यह हक है कि वह किसी की जान बेवजह ही छीन लें?
सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि डॉक्टरों तथा मेडिकल कॉलेजों पर निगरानी रखने वाली संस्था मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया (एमसीआई) के प्रमुख केके तलवार ने शो में साफ-साफ स्वीकार किया कि स्वास्थ्य विभाग में ये सारी गड़बड़ियाँ मौजूद है और जल्द ही इनके लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। अब तो आप अंदाजा लगा सकते है कि जिस गंगा की गंगोत्री ऐसी है उसकी हालत क्या होगी।
अब...आईएमए के डॉक्टर्स ने मेडिकल समुदाय के प्रति 'गलत संदेश' भेजने के लिए आमिर से माफी की मांग की है। सोचने वाली बात तो यह है कि शो देखने के बाद कहां तक डॉक्टर मांफी मांगते और यह संदेश देते कि वह इसके सुधार में कदम उठांएगे ताकि लोग उनपर भरोसा रखें... बजाय इसके ये तो गलती बताने वाले पर ही बरस पडे।
फिर सवाल यह उठने लगा कि आमिर खान ने डॉक्टरों पर गलत काम करने का आरोप क्यों लगाया?...जब कि सभी डॉक्टर गलत नहीं होते!...यह डॉक्टरी पेशे का अपमान है, और इसके लिए आमिर खान को चाहिए कि वह ' माफी' मांगे! लेकिन मुझे लगता है कि आमिर कहीं से भी गलत नहीं है वह सिर्फ एक माध्यम है जो हमें यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि हमारे समाज में, देश में, क्या हो रहा है..उस पर अमल करना या फिर ना करना हमारा काम है।
इस शो की शुरूआत हुई तो बहुत सारी बातें लोगों ने कही..। कुछ लोगों ने जमकर आलोचना की..कि आमिर इसमें नया क्या कर रहे हैं? उन्हें तीन करोड़ लेकर ही समाज की बुराइयों से पर्दा उठाना था..ये काम वह पहले भी कर सकते थे..लेकिन अब क्युं? क्योंकि अब आमिर को इसके लिए इतनी मोटी रकम मिल रही है जो अभी तक ना किसी को मिली है और न ही कभी ऑफर की गई है।
मेरा कहना ये है कि हमारे देश में 'पैर पीछे खींचने' की आदत बहुत पुरानी है तो इनसब बातों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं है। हमसब को उनका साथ देना चाहिए जिससे कि हमारे समाज से कुछ ही सही बुराईयां खत्म तो हों..!!
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