Saturday, June 16, 2018

'Race 3' Movie Review: बिना स्पीड ही 'रेस' लगाने उतरे सलमान खान, ना सस्पेंस है, ना ट्विस्ट और टर्न


स्टारकास्ट: सलमान खान, अनिल कपूर, डेजी शाह, जैकलीन फर्नांडिस, बॉबी देओल, फ्रेडी दारुवाला, साकिब सलीम


डायरेक्टर: रेमो डिसूजा


रेटिंग: 1.5/5*


2008 में जब 'रेस' रिलीज हुई तो उसे देखने के बाद लोगों में इस सीरिज की फिल्मों की कहानी और सस्पेंस को लेकर एक क्रेज शुरू हुआ जिसे सलमान खान ने 'रेस 3' में पूरी तरह खत्म कर दिया है. पिछली दोनों फिल्मों को अब्बास मस्तान ने डायरेक्ट किया था लेकिन इस सीरिज के लिए प्रोड्यूसर रमेश तौरानी (टिप्स इंटरटेनमेंट) ने रेमो डिसूजा को चुना ताकि सलमान के हिसाब से फिल्म की कहानी में बदलाव किया जा सके. अब डायरेक्टर रेमो डिसूजा और सलमान दोनों ने मिलकर इस फिल्म सीरीज को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है. सीरीज की शुरुआत से ही इससे जुड़ी हर फिल्म में एक लाइन है- 'लेट्स द रेस बिगिन'. लेकिन हकीकत यही है कि 'रेस' शुरू होने से पहले ही सलमान खान इससे बाहर हो जाते हैं. 'रेस 3' में ना तो कोई कहानी है, ना ट्विस्ट और ना ही कोई टर्न. इस फिल्म को तो सलमान खान का स्टारडम भी नहीं बचा पाएगा. पिछले साल सलमान खान की 'ट्यूबलाइट' बुरी तरह फ्लॉप रही थी और ऐसा लगता है कि ये उससे भी बड़ा फ्लाप बनाने के लिए किया गया प्रयोग है. संभव है कि ये फिल्म 'ट्यूबलाइट' को टक्कर देने के लिए बनाई गई हो. हो सकता है कि लोग इसे 'रेस' सीरिज की वजह से देख लें लेकिन ये फिल्म सलमान की सबसे खराब फिल्मों में से एक है. हो भी क्यों ना? जब एक्टर्स एक्टिंग छोड़ कहानी, स्क्रिप्ट, लिरिक्स लिखने लगेंगे तो और क्या उम्मीद की जा सकती है!


कहानी


आर्म्स डिलर शमशेर सिंह (अनिल कपूर) एक साजिश का शिकार होने के बाद आईसलैंड शिफ्ट हो जाता है. वहां पर वो हथियारों का अवैध कारोबार करता है. इसमें उसका साथ बड़ा बेटा सिंकदर (सलमान खान) देता है. ये देखकर उसके दूसरे बेटे सूरज (साकिब सलीम) और बेटी संजना (डेजी शाह) को जलन होती है. सिकंदर के बॉडीगार्ड यश की भूमिका में बॉबी देओल हैं. इनकी मां ने मौत से पहले एक वसीयत लिखी होती है जिसमें सिकंदर को 50% और सूरज-संजना को 25-25% प्रॉपर्टी का हिस्सा देती है. ये देखने के बाद सिकंदर से जायदाद लेने के लिए सूरज और संजना एक जाल बुनते हैं. क्या वो अपनी चाल में कामयाब हो पाते हैं? जैकलीन फर्नांडिस कभी सिकंदर तो कभी यश की गर्लफ्रेंड की भूमिका में हैं. विलेन (राणा) की भूमिका में फ्रेडी दारुवाला को लिया गया है.


कहानी का एक हिस्सा ये भी है कि शमशेर सिंह को जब अपने बच्चों के बीच नफरत के बारे में पता चलता है तो क्या होता है? सिकंदर अपना परिवार बचाना चाहता है. क्या वो ऐसा कर पाता है? इसी बीच एक हार्ड डिस्क, जिसमें बहुत सारे लोगों की काली करतूतें छिपी हैं, फिल्म की कहानी को कहीं से कहीं ले जाती है. इसी बीच एक्शन और मारधाड़ भी चलता रहता है और फिर दर्शक भी सोचने लगता है कि ये हो क्या रहा है?


एक्टिंग


ये मल्टी स्टारर फिल्म है. ऐसी फिल्मों को या तो एक्टिंग से बचाया जा सकता है या फिर कहानी से. लेकिन यहां तो कुछ भी नहीं है. अनिल कपूर थोड़े ठीक लगे हैं. उन्हें हम 'रेस' और 'रेस 2' में देख चुके हैं. अपने हाव भाव और एक्टिंग से उन्होंने अपना हिस्सा तो ठीक ही किया है लेकिन बाकी एक्टर्स? डेजी शाह अपने दुश्मनों से लड़ने के लिए ड्रेस और हाई हिल्स में जाती हैं. उनके डायलॉग का पहले ही मजाक उड़ाया जा चुका है. फिल्म में तो उनके डायलॉग इतने खराब हैं कि आपको हंसी आएगी.



बॉबी देओल के पास बॉडी दिखाने के अलावा इसमें ज्यादा कुछ करने को मिला नहीं है. बस एक जगह वो सलमान खान के साथ फाइट करते दिखे हैं और जमे भी हैं. इस सीन में सलमान के साथ बॉबी शर्टलेस भी हुए हैं. लेकिन इसे देखने के बाद ये कह पाना मुश्किल है कि क्या वाकई ऐसी फिल्म से वो कमबैक कर पाएंगे?


जैकलीन फर्नांडिस तो इस फिल्म में बस ग्लैमर का तड़का लगाने के लिए हैं. अंग्रेजी के डायलॉग हों या हिंदी के उनके चेहरे पर भाव एक जैसे ही रहते हैं. उनसे एक्टिंग की क्या उम्मीद कर सकते हैं.


फ्रेजी दारुवाला जैसे एक्टर को इस फिल्म में ऐसा स्पेस ही नहीं दिया गया है कि वो कुछ कर सके. वो बस स्क्रीन पर आते हैं और चले जाते हैं. 2014 में अक्षय कुमार की 'हॉलीडे' में फ्रेडी दारुवाला विलने के रोल में थे और इसके लिए उनकी खूब वाहवाही भी हुई थी. लेकिन यहां पर लगा ही नहीं कि वो कुछ कर रहे हैं. फिल्म में इतने सारे एक्टर्स की भरमार है इस लेकिन कोई भी दमदार एक्टिंग नहीं कर पाया है.


डायरेक्शन


कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा ने इसे डायरेक्ट किया है. फिल्म को उन्होंने सलमान खान के हिसाब से बनाया है. यही वजह है कि ये फिल्म देखने लायक भी नहीं बन पाई है. रेमो डिसूजा ने दावा किया था कि इसमें ऐसा एक्शन देखने को मिलेगा कि लोग सैफ को भूल जाएंगे. लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो पाया है. स्क्रिप्ट बहुत ढीली है. कहानी चल रही है और वो कहां से कहां चली जाती है ये समझना मुश्किल है. सलमान से तो क्या वो फ्रेडी दारुवाला और बॉबी देओल से भी एक्टिंग नहीं करा पाए हैं.


फिल्म में देसी टच देने के लिए 'गांव की याद आवत है', 'जावत है' जैसी हिंदी का इस्तेमाल किया गया है जो बहुत ही फनी लगता है और खराब भी. ये लाइन्स बहुत ज्यादा इरिटेट भी करती हैं. रेमो जाने माने कोरियोग्राफर हैं. उनकी पिछली फिल्म 'फ्लाइंग जट' फ्लॉप हुई थी. इस सीरिज को अगर वो संभाल लेते तो डायरेक्शन में खुद को साबित करने के लिए उनके पास ये एक बेहतरीन मौका था.


इस फिल्म को बनाने में 150 करोड़ लगे हैं. इसमें महंगी-महंगी गाड़ियों का इस्तेमाल एक्शन सीन्स को पर्दे पर और भी धमाकेदार बनाने के लिए किया गया है. लेकिन सिर्फ गाड़ियों को उड़ाने से अच्छी फिल्में नहीं बनतीं. अगर रेमो थोड़ा सा काम इसकी कहानी पर कर लेते तो ये सीरिज खराब होने से बच जाती.


सिनेमैटोग्राफी और एक्शन सीन्स की कोरियोग्राफी है शानदार


इस फिल्म में अगर कुछ देखने लायक है तो वो है इसकी सिनेमैटोग्राफी. इसकी शूटिंग बैंकॉक, थाइलैंड और अबु धाबी में की गई है. एक्शन सीन के दौरान कुछ स्लो मोशन शॉट्स दिखाए गए हैं जो लाजवाब हैं. 'इंसेप्शन', 'द डार्क नाइट', और 'डंकिर्क' जैसी बड़ी हॉलीवुड फिल्मों में एक्शन की कोरियोग्राफी करने वाले Tom Struthers ने इस फिल्म के कुछ दृश्यों को कोरियोग्राफ किया है. लेकिन एक्शन सीन्स ऐसी जगह फिल्म में डाले गए हैं कि वो शानदार होते हुए भी पूरी फिल्मों को खराब होने से नहीं बचा पाते.


म्यूजिक


'रेस 3' में कुल सात गाने हैं. मीका सिंह और यूलिया वंतूर की आवाज में 'पार्टी चले ऑन' (Party Chale On) है जिसे पसंद किया गया है. इसके अलावा 'सेल्फिश' (Selfish), 'अल्लाह दुहाई है' (Allah Duhai Hai), और 'हीरिए' (Heeriye) गाना भी लोगों को पसंद आ रहा है. लेकिन 'रेस' के 'ज़रा-ज़रा' (Zara Zara Touch Me) और 'रेस 2' के 'लत लग गई' (Lat Lag Gayee) जैसे गानों की टक्कर में इसमें कुछ भी नहीं है. इसका 'अल्लाह दुहाई है' गाना अच्छा है लेकिन उसे तो आप यू-ट्यूब पर भी देख सकते हैं.


क्यों देखें/ना देखें


अगर आप सलमान खान के फैन हैं तो भी आपने उनसे ऐसी फिल्म को उम्मीद तो बिल्कुल भी नहीं की होगी. लेकिन अगर आप 'रेस' सीरिज के फैन हैं तो इसे देखकर आप टॉर्चर होने जैसा महसूस करेंगे. आप हर सीन में 'रेस के पुराने खिलाड़ी' सैफ अली खान को मिस करेंगे. इस फिल्म में जैकलीन एक सीन में कहती हैं, 'इतने झटके, आखिर ये कब खत्म होगा.' फिल्म देखते समय आपको भी यही लगता है कि आखिर ये कब खत्म होगा.


आखिर में सलमान ने ये भी बता दिया है कि 'रेस' अभी बाकी है  और इसकी अगड़ी कड़ी जल्द आने वाली है.