
हां, इतना जरूर है हर एक सीन को आप पहले ही समझ जाएँगे कि आगे क्या होने वाला है फिर भी आपकी दिलचस्पी फिल्म को देखने में बनी रहेगी.
फिल्म में कुछ भी नया नहीं है. लेकिन बाजवूद आप बोर नहीं होंगे. फिल्म की शुरूआत भारत और बांग्लादेश के विभाजन से होता है. इस दौरान बहुत से रिफ्यूजी भारत आ जाते हैं और उन्हीं में विक्रम (Ranveer Singh) और बाला (Arjun Kapoor) भी होते हैं. हालात ऐसे हैं कि वह खाने के लिए कुछ भी करने को तैयार है. शुरूआत कोयला बेचने से होती है और देखते ही देखते वे दोनों कोलकाता के सबसे मशहूर 'गुंडे' बन जाते हैं. जो पुलिस के लिए तो मुजरिम हैं लेकिन गरीब लोगों के लिए मसीहा से कम नहीं. इन गुंडो को कैबरे डांसर नंदिता सिंह (प्रियंका चोपड़ा) से प्यार हो जाता है. दोनों साथ-साथ प्रपोज भी करते हैं. लेकिन नंदिता तो किसी एक को ही चुनेगी. फिर क्या, एक दूसरे पर जी-जान छिड़कने वाले दोस्त एक दूसरे के दुश्मन बन जाते हैं. दूसरी तरफ, इन गुंडो के सफाया के लिए एसीपी सत्यजीत सरकार (इरफान खान) को बुलाया जाता है. सत्यजीत सरकार का एक ही फंडा है 'फूट डालो और राज करो'. सत्यजीत सरकार किस तरह इन गुंडो को फंसाने के लिए जाल बुनता है कि दोनों पूरी तरह उसमें फंस जाते हैं. यही क्लाइमेक्स है.
Acting-

म्यूजिक और निर्देशन-
यशराज बैनर तले बनीं इस फिल्म के गाने तो पहले से ही हिट रहे हैं. दिल में बजी घंटिया.., जिया.., तेवर सुनने में भी अच्छे और देखने में मजेदार. डायरेक्टर अली अब्बास जफर अच्छा निर्देशन किया है. वह एक पुरानी कहानी को नए तरीके से दिखाने और पर्दे पर रोमांच, थ्रिल, एक्शन और ड्रामा को पूरी तरह उतारने में सफल रहे हैं. फिल्म के कुछ डायलाग ऐसे है जो आपके दिल को छू जाएंगे और आपके चेहरे पर मुस्कुराहट ला देंगे.
क्यों देखें-
