Monday, January 10, 2011

'नो वन किल्ड जेसिका'

सनसनीखेज हत्या कांड पर आधारित एक ऐसी फिल्म जिसका अंत आप बहुत पहले से जानते हैं , इसके बावजूद फिल्म आपको स्टार्ट टू लास्ट तक बांधने में कामयाब है.




  सेकेंड टाइम 'नो वन किल्ड जेसिका' देखी..  जेसिका लाल हत्याकांड को डायरेक्टर राजकुमार गुप्ता बखूबी परदे पर उतारने में सफल रहे है. डायरेक्टर राजकुमार गुप्ता ने इससे पहले भी आमिर जैसी फिल्म बनाकर अपनी काबिलियत का परिचय दिया था.एक सनसनीखेज हत्या कांड पर आधारित एक ऐसी फिल्म जिसका अंत आप बहुत पहले से जानते हैं , इसके बावजूद फिल्म आपको स्टार्ट टू लास्ट तक बांधने में कामयाब है.


आमतौर पर इस तरह के मुद्दों पर फिल्म बनाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है क्योकिं रिलीज के समय कोई ना कोई विवाद खड़ा हो जाता है .कभी-कभी फिल्म का ज्यादा रियलिस्टिक (डाक्यूमेंट्री टाइप) होना भी फिल्म को मुश्किल में डाल देता है. डाक्यूमेंट्री टाइप होने के नाते ऐसी फिल्में बाक्स आफिस पर टिक नही पाती.डायरेक्टर राजकुमार गुप्ता ने 'नो वन किल्ड जेसिका' में इस बात का पुरा ध्यान रखा है कि दर्शक बोर ना होवें. पूरी फिल्म में स्क्रिप्ट को कहीं भी कमजोर नहीं पड़ने दिया है. "कुछ भी करिये लेकिन मेरे मोनू को कुछ नहीं होना चाहिए" , कब तक छत पर रहेगा ..गोली चली ..पुलिस आयी..अब तो नीचे आ जा मेरे भाई..,कुछ ऐसे डायलाग है जिनको सुनकर दर्शक हंसे बिना नही रह पाते. पुरी फिल्म में कहीं भी नाटकियता नजर नहीं आती.

बेशक ,किसी भी मामले को स्क्रीन पर पेश करते हुए उसमें कल्पनाओं का कहीं न कहीं सहारा लेना जरूरी माना जाता है , यही बात इस फिल्म के सेकंड पार्ट में साफ नजर आती है , जब टीवी रिपोर्टर मीरा गेटी को अपनी दबंगई के बल बूते जेसिका हत्याकांड के आरोपी मनीष भारद्वाज को सजा दिलाने में सफल होती है. हालांकि मीरा गेटी की गालियां और कुछ डबल मीनिंग डायलाग खास तबके को रास नही आयेगा.


अगर किरदार की बात करें तो जहां रानी मुखर्जी (मीरा गेटी ) के दमदार रोल को संजीदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी वहीं विद्या बालन (सबरीना) भी लाजवाब रहीं हैं. सबरीना और मीरा के रोल को बखूबी निभाकर दोनों ने यह साबित कर दिया है कि उनसे बेहतरीन कोई हो ही नहीं सकता. आली रे , धन चिक्क , डी डी डी दिल्ली दिल्ली गाने फिल्म की जान है.


गौरतलब है कि अप्रैल 1999 में मॉडल जेसिका लाल की हत्या का मामला अपराध और राजनीति के मजबूत गलियारों के बीच कहीं न कहीं से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा रहा , लेकिन इस हत्यकांड से जुड़े लोगों के बेहद ऊंचे हाई प्रोफाइल के चलते यह मामला कई सालों तक मीडिया की सुर्खियों में रहा.

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